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आलोचना को कला की सजगता किसने कहा है
आलोचना को कला की सजगत “मीडिलटन मरे” ने कहा है|
आलोचना को कला की सजगत “मीडिलटन मरे” ने कहा है|
See lessभारतेन्द युग को किस आलोचक ने राष्ट्र की नवचेतना का युग कहा?
यह मान्यता तो बहुत पहले से प्रचलित रही है कि भारतेंदु हरिश्चन्द्र के उदय के साथ हिंदी में एक नए युग का आरम्भ हुआ, किन्तु इस नए युग को 'नवजागरण' नाम देने का श्रेय हिंदी में डॉ॰ रामविलास शर्मा को है।
यह मान्यता तो बहुत पहले से प्रचलित रही है कि भारतेंदु हरिश्चन्द्र के उदय के साथ हिंदी में एक नए युग का आरम्भ हुआ, किन्तु इस नए युग को ‘नवजागरण’ नाम देने का श्रेय हिंदी में डॉ॰ रामविलास शर्मा को है।
See less”साहित्य के क्षेत्र में जो भी उपज हुई हो उसे भली भांति देखना या उस पर विचार करना ही आलोचना है” किसका कथन है
साहित्य के क्षेत्र में जो भी उपज हुई हो उसे भली भांति देखना या उस पर विचार करना ही आलोचना है” “आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र” का कथन है।
साहित्य के क्षेत्र में जो भी उपज हुई हो उसे भली भांति देखना या उस पर विचार करना ही आलोचना है” “आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र” का कथन है।
See lessकिशोरी लाल गोस्वामी के तारा उपन्यास की आलोचना करते हुए किसने उसे ‘कलंक भरी पोथी’ कहा?
किशोरी लाल गोस्वामी के तारा उपन्यास की आलोचना करते हुए “बालमुकुंद गुप्त” ने उसे ‘कलंक भरी पोथी’ कहा है।
किशोरी लाल गोस्वामी के तारा उपन्यास की आलोचना करते हुए “बालमुकुंद गुप्त” ने उसे ‘कलंक भरी पोथी’ कहा है।
See lessआचार्य शुक्ल के प्रिय संस्कृत कवि कौन हैं जिनकी रचनाओं को उपजीव्य मानकर उन्होंने अपने मूल्यांकन के प्रतिमान विकसित किये?
आचार्य शुक्ल के प्रिय संस्कृत कवि “वाल्मीकि, भवभूति” हैं जिनकी रचनाओं को उपजीव्य मानकर उन्होंने अपने मूल्यांकन के प्रतिमान विकसित किये।
आचार्य शुक्ल के प्रिय संस्कृत कवि “वाल्मीकि, भवभूति” हैं जिनकी रचनाओं को उपजीव्य मानकर उन्होंने अपने मूल्यांकन के प्रतिमान विकसित किये।
See less’अपनी विश्वदृष्टि के कारण शुक्ल जी स्वयं आधुनिक मनुष्य बनने में असफल रह गए।’ किसका कथन है ?
‘अपनी विश्वदृष्टि के कारण शुक्ल जी स्वयं आधुनिक मनुष्य बनने में असफल रह गए।’ यह कथन “नीलकांत” का है।
‘अपनी विश्वदृष्टि के कारण शुक्ल जी स्वयं आधुनिक मनुष्य बनने में असफल रह गए।’ यह कथन “नीलकांत” का है।
See lessभक्तिकालीन साहित्य को अचानक बिजली की चमक के समान फैलने वाला साहित्य किसने कहा था ?
अपने अनिश्चय को व्यक्त करते हुए स्वयं “ग्रियर्सन” ने लिखा है: '' बिजली की चमक के समान अचानक इस समस्त पुराने धार्मिक मतो के अंधकार के उपर एक नयी बात दिखाई दी ।
अपने अनिश्चय को व्यक्त करते हुए स्वयं “ग्रियर्सन” ने लिखा है: ” बिजली की चमक के समान अचानक इस समस्त पुराने धार्मिक मतो के अंधकार के उपर एक नयी बात दिखाई दी ।
See lessकबीर की वाणी किस ग्रंथ में संकलित हैं ?
कबीर की वाणी“बीजक,शब्दावली,पवित्र गुरुग्रंथ साहिब”ग्रंथो में संकलित है।
कबीर की वाणी“बीजक,शब्दावली,पवित्र गुरुग्रंथ साहिब”ग्रंथो में संकलित है।
See lessगुरुनानक का जन्म कहां हुआ ?
गुरुनानक का जन्म “ननकाना साहिब” में हुआ था|
गुरुनानक का जन्म “ननकाना साहिब” में हुआ था|
See lessनानक वाणी किस ग्रंथ में संकलित हैं?
नानक वाणी“गुरु ग्रन्थ साहिब”में संकलित हैं|
नानक वाणी“गुरु ग्रन्थ साहिब”में संकलित हैं|
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