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  1. ”अश्वत्थामा का अर्ध सत्य” तीसरा अंक है।

    ”अश्वत्थामा का अर्ध सत्य” तीसरा अंक है।

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  2. संजय का चित्रण "धुरी" रूप में किया गया है।

    संजय का चित्रण “धुरी” रूप में किया गया है।

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  3. शिवसिंह सरोज हिंदी भाषा मे लिखा गया है।

    शिवसिंह सरोज हिंदी भाषा मे लिखा गया है।

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  4. नंददास जडिया और कवि गढिया यह तो जगजाहिर है लेकिन वो एक भक्त कवि तुलसीदास जी है जिन्हें ‘जडिया और गढियां’ भक्त कवि कहा जाता है।

    नंददास जडिया और कवि गढिया यह तो जगजाहिर है लेकिन वो एक भक्त कवि तुलसीदास जी है जिन्हें ‘जडिया और गढियां’ भक्त कवि कहा जाता है।

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  5. चन्दन कवि रीतिकाल का वह कवि है जिसने खडी बोली हिंदी में सीतवसंत नामक (प्रबन्धरूप में)कहानी लिखी थी।

    चन्दन कवि रीतिकाल का वह कवि है जिसने खडी बोली हिंदी में सीतवसंत नामक (प्रबन्धरूप में)कहानी लिखी थी।

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  6. मिश्रबंधुओं ने हिंदी का प्रथम नाटककार "विद्यापति जी" को माना है।

    मिश्रबंधुओं ने हिंदी का प्रथम नाटककार “विद्यापति जी” को माना है।

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  7. मिश्रबंधुओ ने हिंदी का प्रथम इतिहास सहायक शिव सिंह सरोज को माना है एवं शिव सिंह सरोज ग्रंथ को प्रथम प्रथम इतिहास सहायक ग्रंथ माना है।

    मिश्रबंधुओ ने हिंदी का प्रथम इतिहास सहायक शिव सिंह सरोज को माना है एवं शिव सिंह सरोज ग्रंथ को प्रथम प्रथम इतिहास सहायक ग्रंथ माना है।

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  8. हठ योग में ह और ठ का शाब्दिक अर्थ "ह- सूर्य ठ- चंद्र" है।

    हठ योग में ह और ठ का शाब्दिक अर्थ “ह- सूर्य ठ- चंद्र” है।

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  9. "पउम चरिउ" को स्वयंभू पूरा नहीं कर सके।

    “पउम चरिउ” को स्वयंभू पूरा नहीं कर सके।

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  10. छंदश चूड़ामणि "स्वयंभू" को कहा जाता है।

    छंदश चूड़ामणि “स्वयंभू” को कहा जाता है।

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