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प्रगतिवाद और प्रयोगवाद में क्या अंतर है?
प्रगतिवाद में व्यक्ति की समस्याओं की प्रधानता होती है जबकि प्रयोगवाद में व्यक्ति की समस्याओं का चित्रण नहीं होता। प्रगतिशील आंदोलन का संबंध स्वाधीनता संघर्ष से था जबकि प्रयोगवाद केवल साहित्यिक, आंदोलन रहा|
प्रगतिवाद में व्यक्ति की समस्याओं की प्रधानता होती है जबकि प्रयोगवाद में व्यक्ति की समस्याओं का चित्रण नहीं होता। प्रगतिशील आंदोलन का संबंध स्वाधीनता संघर्ष से था जबकि प्रयोगवाद केवल साहित्यिक, आंदोलन रहा|
See less‘विजयपाल रासो’ (नल्लसिंह भाट) की भाषा है-
डिंगल
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See lessहित तरंगिणी के लेखक कौन थे ?
कृपाराम
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See lessनिम्नलिखित कथन में से कौन-सा रीतिकाल से संबंधित है?
इस काल में सामान्य रूप से शृंगार प्रदान लक्षण ग्रंथों की रचना हुई
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See lessहिंदी साहित्य के ‘आदिकाल’ को ‘आरंभिक काल’ किसने कहा है?
मिश्रबन्धु ने
मिश्रबन्धु ने
See lessआचार्य शुक्ल की आलोचना संबंधी मान्यताओं को सैद्धान्तिक स्तर पर चुनौती देने वाले विद्वान कौन हैं ?
हजारी प्रसाद द्विवेदी
हजारी प्रसाद द्विवेदी
See lessहिन्दी के प्रथम डायरी-लेखक हैं
हिन्दी के प्रथम डायरी-लेखक "नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’" को माना जाता हैं।
हिन्दी के प्रथम डायरी-लेखक “नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’” को माना जाता हैं।
See lessआयो घोष बड़ो व्योपारी। लादि खेप गुन ज्ञान-जोग की ब्रज में आन उतारी।। फाटक देकर हाटक माँगत भोरै निपट सुधारी। धुर ही तें खोटी खायो है लये फिरत सिर भारी।। उपरोक्त गीत किस राग में है-
आयो घोष बड़ो व्योपारी। लादि खेप गुन ज्ञान-जोग की ब्रज में आन उतारी।। फाटक देकर हाटक माँगत भोरै निपट सुधारी। धुर ही तें खोटी खायो है लये फिरत सिर भारी।। उपरोक्त गीत काफी राग में है।
आयो घोष बड़ो व्योपारी। लादि खेप गुन ज्ञान-जोग की ब्रज में आन उतारी।। फाटक देकर हाटक माँगत भोरै निपट सुधारी। धुर ही तें खोटी खायो है लये फिरत सिर भारी।। उपरोक्त गीत काफी राग में है।
See lessअंधा युग में कितने अंक हैं?
अंधा युग में कितने कुल 5 अंक हैं।
अंधा युग में कितने कुल 5 अंक हैं।
See lessआधे अधुरे का रचना वर्ष है?
आधे अधुरे का रचना वर्ष 1996 है।
आधे अधुरे का रचना वर्ष 1996 है।
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