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‘ठुमरी’ किस विधा की रचना है ?
"ठुमरी" एक कहानी है
“ठुमरी” एक कहानी है
See lessप्रगतिवाद और प्रयोगवाद में क्या अंतर है?
प्रयोगवाद:- प्रयोगवाद हिन्दी साहित्य की आधुनिकतम विचारधार है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रगतिवाद के जनवादी दृष्टिकोण का विरोध करना है। प्रयोगवाद कवियों ने काव्य के भावपक्ष एवं कलापक्ष दोनों को ही महत्व दिया है। प्रयोगवाद में कला पक्ष का अधिक महत्व होता है | प्रयोगवाद में व्यक्ति की समस्याओं का चित्रण नRead more
प्रयोगवाद:-
प्रगतिवाद:-
सिद्ध साहित्य और नाथ साहित्य में क्या अंतर है?
सिद्ध एवं नाथ साहित्य में अर्द्ध-मागधी अपभ्रंश का प्रयोग हुआ है जिससे आगे चलकर पूर्वी हिन्दी भाषा का विकास हुआ। सिद्ध एवं नाथ साहित्य में आंतरिक अनुभूतियों को व्यक्त करने हेतु जिस संधा भाषा का प्रयोग हुआ है आगे चलकर भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी संत काव्यधारा में परिलक्षित हुई है।
सिद्ध एवं नाथ साहित्य में अर्द्ध-मागधी अपभ्रंश का प्रयोग हुआ है जिससे आगे चलकर पूर्वी हिन्दी भाषा का विकास हुआ। सिद्ध एवं नाथ साहित्य में आंतरिक अनुभूतियों को व्यक्त करने हेतु जिस संधा भाषा का प्रयोग हुआ है आगे चलकर भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी संत काव्यधारा में परिलक्षित हुई है।
See lessदुःख की पिछली रजनी बीच, विकसित सुख का नवल प्रभात, पंक्ति छायावाद की किस काव्य रचना से है
कामायनी
कामायनी
रासो काव्य की प्रमुख विशेषता क्या है?
रासो काव्य आदिकालीन कविता की मुख्य धारा है। इस्मने वीरता एवं श्रृंगार प्रधान दोनों प्रवृत्तियों का चित्रण किया गया है। इस युग के महत्वपूर्ण रासो काव्यों में पृथ्वीराज रासो, खुमान रासो, बीसलदेव रासो, परमाल रासो प्रमुख हैं। रासो काव्यों के लेखक राजाओं की वीरता की प्रशंसा राज्य दरबार में रहकर करते थे तRead more
रासो काव्य आदिकालीन कविता की मुख्य धारा है। इस्मने वीरता एवं श्रृंगार प्रधान दोनों प्रवृत्तियों का चित्रण किया गया है। इस युग के महत्वपूर्ण रासो काव्यों में पृथ्वीराज रासो, खुमान रासो, बीसलदेव रासो, परमाल रासो प्रमुख हैं। रासो काव्यों के लेखक राजाओं की वीरता की प्रशंसा राज्य दरबार में रहकर करते थे तथा अपने काव्य के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया करते थे।
See lessमुंशी प्रेमचन्द द्वारा सम्पादित पत्र है
हंस
हंस
See lessरीतिबद्ध काव्य की विशेषता कौन सी है?
ऐहलौकिकता, श्रृंगारिकता, नायिकाभेद और अलंकार-प्रियता इस युग की प्रमुख विशेषताएं हैं। प्रायः सब कवियों ने ब्रज-भाषा को अपनाया है।
ऐहलौकिकता, श्रृंगारिकता, नायिकाभेद और अलंकार-प्रियता इस युग की प्रमुख विशेषताएं हैं। प्रायः सब कवियों ने ब्रज-भाषा को अपनाया है।
See lessनिम्नलिखित कवियों में से रीतिबद्ध तथा रीतिमुक्त कवियों का चुनाव कीजिए?
(1) रीतिमुक्त कवि- (ख) घनानन्द तथा (घ) बोधा ठाकुर।(2) रीतिबद्ध कवि- (ङ) आचार्य केशवदास, (ग) बिहारी, (क) भूषण।
(1) रीतिमुक्त कवि- (ख) घनानन्द तथा (घ) बोधा ठाकुर।
See less(2) रीतिबद्ध कवि- (ङ) आचार्य केशवदास, (ग) बिहारी, (क) भूषण।
शिवा शौर्य किसकी रचना है?
इस प्रश्न का उत्तर तीसरा है। शिवा शौर्य ‘महाकवि भूषण’ की रचना है।
इस प्रश्न का उत्तर तीसरा है। शिवा शौर्य ‘महाकवि भूषण’ की रचना है।
See lessकवि चंडीदास का किस भाषा को लोकप्रिय बनाने में योगदान है?
कवि चंडीदास का “बांग्ला” भाषा को लोकप्रिय बनाने में योगदान था|
कवि चंडीदास का “बांग्ला” भाषा को लोकप्रिय बनाने में योगदान था|