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  1. चैतन्य महाप्रभु ने श्री गोपालभट्ट को वैष्णव धर्म की शिक्षा के साथ शास्त्रीय प्रमाणों सहित एक स्मृति ग्रंथ की रचना का आदेश दिया था। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी, भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनैतिक अस्थिरता के दिनों में हिंदू-मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया।

    चैतन्य महाप्रभु ने श्री गोपालभट्ट को वैष्णव धर्म की शिक्षा के साथ शास्त्रीय प्रमाणों सहित एक स्मृति ग्रंथ की रचना का आदेश दिया था। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी, भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनैतिक अस्थिरता के दिनों में हिंदू-मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया।

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  2. संस्कृत काव्य में अश्वघोष के ब्रह्मचारित काव्य में कृष्ण का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है।

    संस्कृत काव्य में अश्वघोष के ब्रह्मचारित काव्य में कृष्ण का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है।
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  3. आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माता "भारतेंदु हरिश्चंद्र" को माना जाता है।

    आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माता “भारतेंदु हरिश्चंद्र” को माना जाता है।

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  4. इनमें एक सदस्य "श्यामसुन्दर दास" थे।इस सम्पादक मण्डल ने एक वर्ष तक 'सरस्वती' का सम्पादन किया।इसके पश्चात् दो वर्षों तक 'सरस्वती' का सम्पादन "श्यामसुन्दर" दास ने किया।तत्पश्चात् सन् 1903 से 1920 ई० तक 'सरस्वती' का सम्पादन "महावीरप्रसाद द्विवेदी" ने किया था।

    इनमें एक सदस्य “श्यामसुन्दर दास” थे।इस सम्पादक मण्डल ने एक वर्ष तक ‘सरस्वती’ का सम्पादन किया।इसके पश्चात् दो वर्षों तक ‘सरस्वती’ का सम्पादन “श्यामसुन्दर” दास ने किया।तत्पश्चात् सन् 1903 से 1920 ई० तक ‘सरस्वती’ का सम्पादन “महावीरप्रसाद द्विवेदी” ने किया था।

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  5. This answer was edited.

    निम्नलिखित में से नगेंद्र का आलोचनात्मक ग्रंथ सूर साहित्य है।

    निम्नलिखित में से नगेंद्र का आलोचनात्मक ग्रंथ सूर साहित्य है।

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  6. पंजाब के सूफी- संत शेख इब्राहीम की भेंट जब नानक जी से हुई तो उन्होंने इनका आधा हिंदू और आधा मुसलमान जैसा वेष देखकर प्रभावत हुए।

    पंजाब के सूफी- संत शेख इब्राहीम की भेंट जब नानक जी से हुई तो उन्होंने इनका आधा हिंदू और आधा मुसलमान जैसा वेष देखकर

    प्रभावत हुए।

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  7. सरहपा हिन्दी के प्रथम कवि हैं। राहुल सांकृत्यायन ने हिंदी का प्रथम कवि जैन साहित्य के रचयिता सरहपा को माना है जिनका जन्मकाल 8वीं शदी माना जाता है।

    सरहपा हिन्दी के प्रथम कवि हैं। राहुल सांकृत्यायन ने हिंदी का प्रथम कवि जैन साहित्य के रचयिता सरहपा को माना है जिनका जन्मकाल 8वीं शदी माना जाता है।

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  8. अभिज्ञान शाकुंतलम् के रचयिता महाकवि कालिदास हैं। उनके द्वारा रचित 3 नाटकों का अंतिम और विश्वविख्यात नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम् ही है। अभिज्ञान शाकुंतलम् में 7 अंक है और इसका मुख्य पात्र नायक दुष्यंत और नायिका शकुंतला है। इस​के अलावा भी कई पात्र हैं- कण्व, अनसूया, प्रियंवदा, माढव्य, गौतमी, हंसपदिका, वसुRead more

    अभिज्ञान शाकुंतलम् के रचयिता महाकवि कालिदास हैं। उनके द्वारा रचित 3 नाटकों का अंतिम और विश्वविख्यात नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम् ही है। अभिज्ञान शाकुंतलम् में 7 अंक है और इसका मुख्य पात्र नायक दुष्यंत और नायिका शकुंतला है। इस​के अलावा भी कई पात्र हैं- कण्व, अनसूया, प्रियंवदा, माढव्य, गौतमी, हंसपदिका, वसुमती, मातलि, सानुमती आदि। अभिज्ञान शाकुन्तलम् का अंग्रेजी अनुवाद विलियम जोंस ने किया था। जोंस ने The Last things की भूमिका में कालिदास को ‘भारत का शेक्सपियर’ कहा था। इसके अलावा इसका अनुवाद प्रायः सभी विदेशी भाषाओं में हो चुका है पर इसका (अभिज्ञान शाकुंतलम्) हिंदी अनुवाद राजा लक्ष्मणसिंह ने किया था।

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  9. सिद्ध साहित्य से हमारा तात्पर्य वज्रयान परंपरा के उन सिद्धाचार्यों के साहित्य से है, जो अपभ्रंश के दोहे तथा चर्या पद के रूप में उपलब्ध है। जिनमे उनकी रचनाओं की काव्य भाषा 'देश भाषा' मिश्रित अपभ्रंश या 'पुरानी हिन्दी' है। जिसे उन्होंने अपने काव्य में अपनाया है।

    सिद्ध साहित्य से हमारा तात्पर्य वज्रयान परंपरा के उन सिद्धाचार्यों के साहित्य से है, जो अपभ्रंश के दोहे तथा चर्या पद के रूप में उपलब्ध है। जिनमे उनकी रचनाओं की काव्य भाषा ‘देश भाषा’ मिश्रित अपभ्रंश या ‘पुरानी हिन्दी’ है। जिसे उन्होंने अपने काव्य में अपनाया है।

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