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भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं के नाम लिखिए?
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं के नाम : हरिश्चन्द्र मैगजीन : 1868 में कविवचनसुधा : 1874 में बाला बोधिनी : 1874 में
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं के नाम :
रसमीमांसा किस विधा की रचना है
“आलोचना” विधा की रचना है।
“आलोचना” विधा की रचना है।
See lessप्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में से कौनसी प्रवृत्ति नहीं थी ?
प्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में प्रकृति चित्रण को प्रधानता नहीं दी गयी है।
प्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में प्रकृति चित्रण को प्रधानता नहीं दी गयी है।
See lessहिंदी के प्रमुख आलोचकों को जन्म काल के आधार पर व्यवस्थित क्रम दीजिये–
प्रमुख आलोचक “कृष्णलाल, डॉ. केसरी नारायण शुक्ल , जयशंकर प्रसाद, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डॉ. विनय मोहन शर्मा , डॉ. हरवंशलाल शर्मा, इलाचन्द्र जोशी, शिवदान सिंह चौहान, अमृतराय”।
“कृष्णलाल, डॉ. केसरी नारायण शुक्ल , जयशंकर प्रसाद, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डॉ. विनय मोहन शर्मा , डॉ. हरवंशलाल शर्मा, इलाचन्द्र जोशी, शिवदान सिंह चौहान, अमृतराय”।
See lessभारतेन्दु युग की प्रमुख पत्रिकाओं के नाम लिखिए। अथवा प्रतापनारायण मिश्र ने किस प्रसिद्ध मासिक पत्र का सम्पादन किया?
भारतेन्दु युग की प्रमुख पत्रिकाओं का नाम “ब्राह्मण मासिक पत्र है” । अथवा प्रतापनारायण मिश्र ने “प्रतापनारायण मिश्र द्वारा” प्रसिद्ध मासिक पत्र का सम्पादन किया था।
भारतेन्दु युग की प्रमुख पत्रिकाओं का नाम “ब्राह्मण मासिक पत्र है” । अथवा प्रतापनारायण मिश्र ने “प्रतापनारायण मिश्र द्वारा” प्रसिद्ध मासिक पत्र का सम्पादन किया था।
See lessलंदन में गठित ’भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ’ का नेतृत्व किया था ?
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक बीसवीं शती के प्रारंभ में स्थापित हुआ भारतीय प्रगतिशील लेखकों का एक समूह है। यह लेखक समूह अपने लेखन से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का समर्थन करता है और कुरीतियों अन्याय व पिछड़ेपन का विरोध करता है। इसकी स्थापना १९३६ में लंदन में हुई। इसके प्रणेता सज्जाद ज़हीर थे।
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक बीसवीं शती के प्रारंभ में स्थापित हुआ भारतीय प्रगतिशील लेखकों का एक समूह है। यह लेखक समूह अपने लेखन से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का समर्थन करता है और कुरीतियों अन्याय व पिछड़ेपन का विरोध करता है। इसकी स्थापना १९३६ में लंदन में हुई। इसके प्रणेता सज्जाद ज़हीर थे।
See less‘आलोचना के मान’किसकी कृति है ?
‘आलोचना के मान’ “शिवदान सिंह चौहान” की कृति है|
‘आलोचना के मान’ “शिवदान सिंह चौहान” की कृति है|
See less’दुःख सबको माँजता है-किसने कहा है ?
’दुःख सबको माँजता है-अज्ञेय ने कहा है|
’दुःख सबको माँजता है-अज्ञेय ने कहा है|
See lessभक्ति आंदोलन के दौरान असम में किसने इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व किया?
भक्ति आंदोलन के दौरान असम में “शंकरदेव” ने इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व किया|
भक्ति आंदोलन के दौरान असम में “शंकरदेव” ने इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व किया|
See lessकबीरदास का जन्म कहां हुआ ?
कबीरदास का जन्म ‘वारणशी’ में हुआ था|
कबीरदास का जन्म ‘वारणशी’ में हुआ था|
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