Hello, Hindi Friend!

Please Sign up to join our community!

Welcome Back,

Please sign in to your account!

Forgot Password,

Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.

Sorry, you do not have permission to ask a question, You must login to ask a question. Please subscribe to paid membership

Sorry, you do not have permission to ask a question, You must login to ask a question. Please subscribe to paid membership

Please briefly explain why you feel this question should be reported.

Please briefly explain why you feel this answer should be reported.

Please briefly explain why you feel this user should be reported.

  1. This answer was edited.

    "कविता के नए प्रतिमान" में मुक्तिबोध को केंद्र में रखकर आलोचक हिंदी कविता को समझने का प्रयास किया।    

    “कविता के नए प्रतिमान” में मुक्तिबोध को केंद्र में रखकर आलोचक हिंदी कविता को समझने का प्रयास किया।

     

     

    See less
  2. प्रस्तुत पद्यांश "शिवा शौर्य" शीर्षक पाठ से लिया गया है जिसके रचयिता "महाकवि भूषण " हैं ।

    प्रस्तुत पद्यांश “शिवा शौर्य” शीर्षक पाठ से लिया गया है जिसके रचयिता महाकवि भूषण ” हैं ।

    See less
  3. "पूस की रात" कहानी के पात्रों के नाम  है- मुन्नी को उन पैसों से कंबल खरीदने थे ताकि “पूस की रात” में ठंड से बचा जा सके। पत्नी से तीखी बहस के बाद आखिर हल्कू सहना को पैसे दे देता है। नतीजतन, कंबल के अभाव में ठिठुरते हुए रात काटनी पड़ती है। हल्कू अपने खेत को नीलगायों से बचाने के लिए रातभर पहरेदारी  करतRead more

    “पूस की रात” कहानी के पात्रों के नाम  है-

    मुन्नी को उन पैसों से कंबल खरीदने थे ताकि “पूस की रात” में ठंड से बचा जा सके। पत्नी से तीखी बहस के बाद आखिर हल्कू सहना को पैसे दे देता है। नतीजतन, कंबल के अभाव में ठिठुरते हुए रात काटनी पड़ती है। हल्कू अपने खेत को नीलगायों से बचाने के लिए रातभर पहरेदारी  करता है लेकिन पूस की उस रात खेतों को नहीं बचा पाता।

    Explanation:

    हल्कू अपने खेत के किनारे ऊख के पतों की एक छतरी के नीचे बांस के खटोले पर अपनी पुरानी गाढ़े की चादर ओढ़े पड़ा कांप रहा था. खाट के नीचे उसका संगी कुत्ता जबरा पेट मे मुंह डाले सर्दी से कूं-कूं कर रहा था. दो में से एक को भी नींद न आती थी ।

    ‘पूस की रात’ कहानी एक प्रकार से मानव के आर्थिक शोषण और समाज की व्यवस्था पर व्यंग के रूप में लिखी है और प्रेमचन्द जी अपनी स्वयं की काल्पनिक विचारधाराओं का एक नया मोड़ भी है।

    See less
  4. रीतिकाल में श्रृंगार और लक्षण ग्रंथों की रचना की गई थी। रीतिकाल हिंदी साहित्य में वह काल था, जिसमें श्रृंगार और लक्षण संबंधित ग्रंथों की भरमार थी। रीतिकाल का समय सन 1700 ई के आसपास का  माना जाता है। इस काल में दरबारी संस्कृति को प्रधानता मिली थी और श्रृंगार रस से संबंधित रचनाओं की अधिकता बनाई गई थी।

    रीतिकाल में श्रृंगार और लक्षण ग्रंथों की रचना की गई थी। रीतिकाल हिंदी साहित्य में वह काल था, जिसमें श्रृंगार और लक्षण संबंधित ग्रंथों की भरमार थी। रीतिकाल का समय सन 1700 ई के आसपास का  माना जाता है। इस काल में दरबारी संस्कृति को प्रधानता मिली थी और श्रृंगार रस से संबंधित रचनाओं की अधिकता बनाई गई थी।

    See less
  5. दामुल का कैदी कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद हैं।

    दामुल का कैदी कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद हैं।

    See less
  6. साहित्यकार के रूप में लल्लू लालजी किस पायदान पर हैं, इसका मूल्यांकन करना तो आलोचकों का काम है, लेकिन यह सब मानते हैं कि हिन्दी के विकास में उनका योगदान है। 1804 ई. से 1810 ई. के बीच लिखी गई उनकी कृति 'प्रेमसागर' कृष्ण की लीलाओं व भागवत पुराण के दसवें अध्याय पर आधारित थी।

    साहित्यकार के रूप में लल्लू लालजी किस पायदान पर हैं, इसका मूल्यांकन करना तो आलोचकों का काम है, लेकिन यह सब मानते हैं कि हिन्दी के विकास में उनका योगदान है। 1804 ई. से 1810 ई. के बीच लिखी गई उनकी कृति ‘प्रेमसागर’ कृष्ण की लीलाओं व भागवत पुराण के दसवें अध्याय पर आधारित थी।

    See less
  7. This answer was edited.

    विद्यापति का जन्म मृत्यु का सही विकल्प 1380-1460 है।

    विद्यापति का जन्म मृत्यु का सही विकल्प 1380-1460 है।

    See less
  8. नाटक चार प्रकार के होते हैं।

    नाटक चार प्रकार के होते हैं।

    See less