Please Sign up to join our community!
Please sign in to your account!
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
सिद्ध साहित्य और नाथ साहित्य में क्या अंतर है?
वर्गीकरण की दृष्टि से हिंदी के आदिकालीन साहित्य को तीन वर्गों में बाँटा जाता है - धार्मिक, लौकिक एवं इतर साहित्य; नाथ साहित्य इनमें से धार्मिक साहित्य के वर्ग में आता है, और इस वर्ग में अन्य हैं - सिद्ध साहित्य और जैन साहित्य। सिद्धों के महासुखवाद के विरोध में नाथ पंथ का उदय हुआ। नाथों की संख्या नौRead more
दुःख की पिछली रजनी बीच, विकसित सुख का नवल प्रभात, पंक्ति छायावाद की किस काव्य रचना से है
कामायनी
कामायनी
See lessरासो काव्य की प्रमुख विशेषता क्या है?
रासो साहित्य की विशेषताएँ :- इन रचनाओं में कवियों द्वारा अपने आश्रयदाताओं के शौर्य एवं ऐश्वर्य का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन किया गया है। यह साहित्य मुख्यतः राव (भाट) चारण कवियों द्वारा रचा गया। इन रचनाओं में ऐतिहासिकता के साथ-साथ कवियों द्वारा अपनी कल्पना का समावेश भी किया गया है।
नीली झील, राजा निरबंसिया, जिंदा मुर्दे, कस्बे का आदमी नामक कहानियां किस कहानीकार से संबंधित हैं ?
कमलेश्वर
कमलेश्वर
मुंशी प्रेमचन्द द्वारा सम्पादित पत्र है
इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प 1 हैं। प्रेमचन्द ने 'जागरण' नामक समाचार पत्र तथा 'हंस' नामक मासिक साहित्यिक पत्रिका का सम्पादन किया था।
इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प 1 हैं।
प्रेमचन्द ने ‘जागरण‘ नामक समाचार पत्र तथा ‘हंस’ नामक मासिक साहित्यिक पत्रिका का सम्पादन किया था।
See lessरीतिबद्ध काव्य की विशेषता कौन सी है?
रीतिबद्ध काव्यधारा उन कवियों की है जिन्होंने राजाओं (उनकी पत्नी या प्रेमिकाओं) को शास्त्रीय ज्ञान देने के लिए लक्षण ग्रंथों की रचना की। ये कवि पहले संस्कृत से काव्य लक्षण या सिद्धांत का अनुवाद ब्रज भाषा में करते, उसके बाद उदाहरण के रूप में कविता लिखते थे।
फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी लाल पान की बेगम का सारांश लिखिए?
'लाल पान की बेगम' में बिरजु की माँ की बहुत छोटी-सी इच्छा है। वह अपनी बैलगाड़ी में बैठकर नाच देखने जाना चाहती है। कहानी इस वाक्य से उठती है कि ‛बिरजू की माँ नाच देखने नहीं चलोगी?'' लेकिन बिरजू का बप्पा बैलगाड़ी लेकर नहीं आया है और नाच देखने की बेला गुजरी जा रही है। इंतजार करते-करते बिरजू की माँ खीझ रRead more
‘लाल पान की बेगम‘ में बिरजु की माँ की बहुत छोटी-सी इच्छा है। वह अपनी बैलगाड़ी में बैठकर नाच देखने जाना चाहती है। कहानी इस वाक्य से उठती है कि ‛बिरजू की माँ नाच देखने नहीं चलोगी?” लेकिन बिरजू का बप्पा बैलगाड़ी लेकर नहीं आया है और नाच देखने की बेला गुजरी जा रही है। इंतजार करते-करते बिरजू की माँ खीझ रही है।
See lessनिम्नलिखित में से कौन-सी कृति (ग्रंथ) रीतिकाल में लिखी गई है?
“बिहारी सतसई"
“बिहारी सतसई”
See lessआचार्य शुक्ल की आलोचना संबंधी मान्यताओं को सैद्धान्तिक स्तर पर चुनौती देने वाले विद्वान कौन हैं ?
आचार्य शुक्ल की आलोचना संबंधी मान्यताओं को सैद्धान्तिक स्तर पर चुनौती देने वाले विद्वान "हजारी प्रसाद द्विवेदी" हैं
आचार्य शुक्ल की आलोचना संबंधी मान्यताओं को सैद्धान्तिक स्तर पर चुनौती देने वाले विद्वान “हजारी प्रसाद द्विवेदी” हैं
See lessहिन्दी के प्रथम डायरी-लेखक हैं
नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’
नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’
See less