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  1. इस कहानी के लेखक “कमलेश्वर” है।

    इस कहानी के लेखक कमलेश्वर” है।

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  2. इस कहानी के लेखक "कमलेश्वर" है।

    इस कहानी के लेखक कमलेश्वर” है।

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  3. इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि एक स्त्री भी अपने जीवन को अपने इच्छा और अपनी शर्तों पर जीना चाहती है। स्त्री भी आत्मसम्मान चाहती है। ऐसी कोई भी कुप्रथा या कुरीति स्त्री को स्वीकार्य नहीं है जो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए या उसे दोयम दर्जे का करार दे।

    इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि एक स्त्री भी अपने जीवन को अपने इच्छा और अपनी शर्तों पर जीना चाहती है। स्त्री भी आत्मसम्मान चाहती है। ऐसी कोई भी कुप्रथा या कुरीति स्त्री को स्वीकार्य नहीं है जो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए या उसे दोयम दर्जे का करार दे।

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  4. प्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में प्रकृति चित्रण को प्रधानता नहीं दी गयी है।

    प्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियों में प्रकृति चित्रण को प्रधानता नहीं दी गयी है।

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  5. महिला कहानीकार सुभद्रा कुमारी चौहान- (1) बिखरे मोती (1932), (2) उन्मादिनी (1934) कमला चौधरी- (1) उन्माद (1934) सुमित्रा कुमारी सिन्हा- (1) अचल सुहाग (1939), (2) वर्षगाँठ (1942) होमवती- (1) निसर्ग (1939) शिवरानी देवी- (1) कौमुदी (1937) चन्द्रकिरण सौनरेक्सा- (1) आदमखोर (1945)

    महिला कहानीकार
    • सुभद्रा कुमारी चौहान- (1) बिखरे मोती (1932), (2) उन्मादिनी (1934)
    • कमला चौधरी- (1) उन्माद (1934)
    • सुमित्रा कुमारी सिन्हा- (1) अचल सुहाग (1939), (2) वर्षगाँठ (1942)
    • होमवती- (1) निसर्ग (1939)
    • शिवरानी देवी- (1) कौमुदी (1937)
    • चन्द्रकिरण सौनरेक्सा- (1) आदमखोर (1945)
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  6. मिश्रबंधुओं ने "भिखारीदास जी" को हिंदी का प्राचीन समालोचक कवि माना है।

    मिश्रबंधुओं ने “भिखारीदास जी” को हिंदी का प्राचीन समालोचक कवि माना है।

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  7. मिश्रबंधुओ ने हिंदी का चासर चन्दबरदाई जी को कहा है।

    मिश्रबंधुओ ने हिंदी का चासर चन्दबरदाई जी को कहा है।

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  8. This answer was edited.

    “देव हिन्दी के भिखारी कवि है|” यह वाक्य लाला भगवानदीन विद्वान का है।

    “देव हिन्दी के भिखारी कवि है|” यह वाक्य लाला भगवानदीन विद्वान का है।

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