शब्दार्थो सहितं काव्यम्। उक्ति किसकी है?
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“शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्” यह भामह द्वारा दी गई सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्य की परिभाषा है। इसमें कोई दोराहे नहीं कि आचार्य भरतमुनि के बाद प्रथम आचार्य भामह ही हैं काव्यशास्त्र पर उनका काव्यालंकार नामक प्रसिद्ध ग्रंथ उपलब्ध है। यह अलंकार शास्त्र का प्रथम उपलब्ध ग्रन्थ है। जो विंशति (२०वी) शताब्दी के आरंभ में प्रकाशित हुआ था। इन्हें अलंकार संप्रदाय का जनक कहते हैं।